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मुद्रास्फीति क्या है? मुद्रास्फीति- एक अर्थव्यवस्था में समय के साथ विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि है। मुद्रास्फीति के दौरान- जब सामान्य कीमतें बढ़ती हैं, तो क्रय शक्ति में कमी आती है| अर्थात, किसी निश्चित राशि से आप पहले प्राप्त कर सकने वाली वस्तुओं या सेवाओं की मात्रा घट जाती है।

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मुद्रास्फीति की उच्च दर को हाइपरइन्फ्लेशन कहा जाता है। बहुत से अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अति-मुद्रास्फीति की परिस्थिति वास्तविक आवश्यकता से अधिक पैसे की छपाई के कारण उत्पन्न होती है। हम सभी को पता है के हर सिक्के के दो पहलु होते है, उसी प्रकार मुद्रास्फीति का भी एक विपरीत पहलू होता है, जिसे अपस्फीति कहते हैं। अब हम जानते है के मुद्रा अपस्फीति क्या है? सारांश में अपस्फीति, अर्थव्यवस्था में एक ऐसी स्थिति है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें समय के साथ गिरती हैं।


मुद्रास्फीति क्या है इसके कारण

वैसे तो मुद्रास्फीति  कई कारण हो सकते हैं। पर इन्हें मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है| इसके साथ-साथ  मुद्रास्फीति से उम्मीद यह भी मुद्रास्फीति का कारण बन सकता है| तो जानिए मुद्रास्फीति  के इन मुख्य कारणों को:

  • मांग कारक (Demand Pull)
  • मूल्य वृद्धि कारक (Cost Pull )
  • मुद्रास्फीति की उम्मीदें (Inflation Expectations)

इन कारणों से एक बात तो स्पष्ट है कि मांग कारक- माल या फिर सेवा की मांग में अधिक वृद्धि होने से पैदा होते हैं जबकि मूल्य वृद्धि कारक स्पष्टतः मूल्य में अधिक  वृद्धि से पैदा होती हैं।

मुद्रास्फीति क्या है इसके कारण


मांग कारक

लगातार बढ़ रहा सरकारी खर्च जो पिछले कई सालों से बढ़ रहा है। यह जनता के हाथों में अधिक पैसा लाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्रय शक्ति अधिक होती है। इससे उत्पादों या सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है। व्यय के लिए अधिक मुद्रा छापने से सरकारी व्यय में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि होती है।


मूल्य वृद्धि कारक

उत्पादन-आपूर्ति में उतार-चढ़ाव: जब उत्पादन श्रृंखला में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है या उत्पादन सामग्री या सामान कुछ लाभ निर्माताओं द्वारा जमा किया जाता है। इससे बाजार में उस वस्तु की आवश्यकता बढ़ जाती है जिससे निश्चित रूप से उसकी कीमत बढ़ जाती है।

इसका एक और दृष्टिकोण है जब उत्पादन जमा हो जाता है; यह उत्पादन लागत बढ़ाता है लेकिन लाभ नहीं। यह नियमित आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ता है।

अवसंरचनात्मक विकास में कमी या दोष सामग्री की प्रति इकाई लागत में वृद्धि करते हैं जिसके परिणामस्वरूप सामान्य मूल्य में वृद्धि होती है।

लागत कारक का एक अन्य कारण है- यदि सरकार समर्थित कच्चे माल की प्रशासित कीमत में वृद्धि करती है तो माल की कीमत में वृद्धि पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।


मुद्रास्फीति की उम्मीदें
मुद्रास्फीति की उम्मीदें वह हैं जो जनता मानती है कि मुद्रास्फीति आगामी भविष्य में होगी। भविष्य की मुद्रास्फीति के बारे में ये अपेक्षाएँ मायने रखती हैं क्योंकि ये अपेक्षाएँ वर्तमान में लोगों के व्यवहार को प्रभावित करती हैं।


मुद्रास्फीति के प्रकार

मुद्रास्फीति के दो मुख्य प्रकार हैं:

डिमांड-पुल इन्फ्लेशन- इस प्रकार की इन्फ्लेशन तब होती है जब बाजार में कुल मांग कुल आपूर्ति से अधिक हो जाती है।

कॉस्ट-पुश इन्फ्लेशन- इस प्रकार की मुद्रास्फीति तब होती है जब आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की लागत में पर्याप्त वृद्धि होती है, और बाजार में विशेष वस्तुओं के लिए कोई उपयुक्त विकल्प नहीं होता है।

मुद्रास्फीति क्या है इसके कारण


मुद्रास्फीति के प्रभाव

मुद्रास्फीति का अर्थव्यवस्था के आर्थिक और गैर-आर्थिक दोनों क्षेत्रों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है:

1. निवेशक पर प्रभाव

निवेशक को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है- एक जो निश्चित प्रतिफल के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है। दूसरे वे हैं जो किसी कंपनी के शेयरों में निवेश करना पसंद करते हैं। मुद्रास्फीति के दौरान सरकारी सुरक्षा में निवेश करने वाले निवेशक को नुकसान होगा जबकि स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशक को लाभ होगा।

2. निश्चित आय वर्ग पर प्रभाव

मुद्रास्फीति के कारण वस्तुओं या सेवाओं की कीमतों में वृद्धि होगी। यह उन लोगों पर खर्च होगा जो एक निश्चित छोटी आय अर्जित करते हैं जैसे मजदूर, शिक्षक, कर्मचारी आदि।

3. उधारकर्ता और ऋणदाता पर प्रभाव

मुद्रास्फीति के दौरान पैसे के मूल्य में कमी के कारण ऋणदाता को नुकसान होता है और उधारकर्ता को लाभ होता है।

4. किसानों पर प्रभाव

महंगाई के दौरान किसान को फायदा होगा क्योंकि किसान उत्पादन करता है। कीमत में वृद्धि से उन्हें अपने उत्पादन के लिए अच्छा पैसा मिलेगा।

5. बचत पर प्रभाव

महंगाई का बचत पर बुरा असर पड़ता है; लोग बचत करने से बचते हैं। उन्हें समान चीजों के लिए अधिक धन खर्च करने की आवश्यकता होगी; पैसा बचाना और भविष्य के लिए आरक्षित करना कठिन होगा।

6. भुगतान संतुलन पर प्रभाव

मुद्रास्फीति के दौरान, वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ जाती हैं। इससे आयात बढ़ेगा और निर्यात घटेगा।

7. लोक ऋण पर प्रभाव

वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में वृद्धि के कारण; आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार सार्वजनिक योजनाओं पर कुछ अतिरिक्त व्यय भी करेगी। इसलिए कर्ज बढ़ेगा।

8. करों पर प्रभाव

मूल्य वृद्धि के कारण, सरकार को जनता पर अतिरिक्त व्यय जोड़ने की आवश्यकता होगी। अपने व्यय को पूरा करने के लिए सरकार नए कर लगाती है और पुराने करों को बढ़ा देती है। मुद्रास्फीति के दौरान करों में वृद्धि होगी।

9. उत्पादकों पर प्रभाव

मुद्रास्फीति उत्पादकों और उद्यमियों के लिए अच्छी है क्योंकि उन्हें उनके द्वारा उत्पादित और बेची जाने वाली वस्तुओं की अधिक कीमत मिलती है।

10. नैतिक प्रभाव

मुद्रास्फीति वस्तुओं और सेवाओं की जमाखोरी, मुनाफाखोरी और मिलावट की ओर ले जाती है। सरकारी कर्मचारी अधिक पैसा पाने के लिए भ्रष्टाचार करेगा।



PPF क्या होता है? PPF या पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में प्रचलित एक लोकप्रिय सेविंग स्कीम है, ppf स्कीम को केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है इस वजह से इसमें लगाया गया पैसा तथा मिलने वाला return एकदम सुरक्षित होता है| 

ppf क्या होता है


दोस्तों, PPF account यानी पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड account , जो की एक सरकारी account है इस वजह से आप जो भी अपना पैसा इन्वेस्ट करोगे ओ पैसा आप सीधा भारत सरकार के पास जमा कर रहे हो| यानी आपकी इन्वेस्टमेंट बिलकुल सुरक्षित है| आप में से काफी लोगों का एक सवाल होता है; कि अगर हम पीपीएफ अकाउंट किसी प्राइवेट बैंक में ओपन करें और आगे चलकर अगर यह प्राइवेट में डूब जाए तो हमारा सारा पैसा कहीं डूब ना जाए? तो ऐसे में आप लोग जान लीजिए; पीपीएफ अकाउंट किसी भी बैंक में ओपन कर सकते हो| चाहे वह प्राइवेट बैंक  क्यों ना हो या फिर पोस्ट ऑफिस क्यों न हो|  इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पीपीएफ अकाउंट एक सरकारी अकाउंट है और बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस बस आपके लिए एक माध्यम का काम करती है|

आगे चलकर हम इस पोस्ट में पीपीएफ अकाउंट क्या है ये समझने के बाद;  पीपीएफ अकाउंट के बेनिफिट्स क्या है? PPF account के नुकसान क्या है?  पीपीएफ अकाउंट में ब्याज दर और पीपीएफ अकाउंट कैलकुलेटर किस तरह से वापर करना है जानेंगे|


पीपीएफ अकाउंट कौन खोल सकता है?

PPF क्या होता है?


भारत सरकार की स्कीम होने की वजह से PPF account   केवल भारतीय नागरिक ही खुलवा सकते हैं। ppf खाता एक व्यक्तिक अकाउंटहोता है।यह जॉइंट अकाउंटनहीं हो सकता |  कोई भी NRI पीपीएफ अकाउंट खुलवाने का पात्र नहीं होगा। लेकिन अगर कोई भारतीय व्यक्ति पीपीएफ खाताधारक है और वह बाद में NRI बन गया है तो वह अपना पीपीएफ अकाउंट परिपक्व होने तक खाता जारी रख सकता है।

पीपीएफ अकाउंट कितने साल का होता है

PPF account एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्मेंट स्कीम है; पीपीएफ अकाउंट कहां मैच्योरिटी पर रेट 15 साल का होता है जिस दौरान आपको हर साल कुछ ना कुछ अमाउंट इसमें जमा करना पड़ेगा |  अब मान लीजिए आपने पहले साल पीपीएफ अकाउंट में ₹5000 जमा की है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप को हर साल 5000 ही जमा करने पड़ेंगे| बस पीपीएफ अकाउंट में आपको कम से कम हर साल ₹500 और अधिक से अधिक डेढ़ लाख तक के जमा किए जा सकते हैं | 
PPF क्या होता है? इन हिंदी


इसमें आपको एक बात हमेशा याद रखनी है कि आप 1 साल में ज्यादा से ज्यादा 12 बार पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा कर सकते हैं | आपको यह सुविधा है कि आप अलग अमाउंट हर साल जमा कर सकते हैं| यहाँ पे जमा कुया गया पैसा आपको टैक्स रिबेट के रूप में मिलेगा यानी की  यहां पर सेक्शन 80c इनकम टैक्स एक्ट के तहत ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख तक का रिबेट भी ले सकते हो |  अगर आप अपना पैसा ppf account में जमा करते हो|

पीपीएफ अकाउंट जैसा कि अभी तक हमने डिस्कस किया की ये एक लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है तो मान लो किसी व्यक्ति ने 2020 में PPF account स्टार्ट किया तो उसे 15 सालों के बाद 2035 में उसका account mature हो जायेगा |

पीपीएफ अकाउंट कैसे खोला जाता है?

PPF account ऑनलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीको से ओपन कर सकते हो | आप पीपीएफ अकाउंट किसी भी बैंक में  ओपन कर सकते हो| चाहे वह सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक  या फिर पोस्ट ऑफिस क्यों न हो|  इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पीपीएफ अकाउंट एक सरकारी अकाउंट है और बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस बस आपके लिए एक माध्यम का काम करती है|


पीपीएफ अकाउंट के नियम

PPF  अकाउंट के नियम इस प्रकार है :
  • आप अगर भारतीय नागरिक है तो ही PPF अकाउंट बना सकते है
  • आप इसमें जॉइंट अकाउंट नहीं बना सकते 
  • यह १५ साल की स्किम है 
  • इसमें आपको हर साल काम से कम ५०० रु जमा करने होंगे 
  • आप साल भर में सिर्फ १२ बार ही PPF में फण्ड जमा कर सकते है 
  • एक साल में अधिक से अधिक डेढ़ लाख ही आप जमा कर सकते है 
  • PPF  के सुरुवाती ३ साल तक आप PPF से लोन या अन्य किसी सेवा को नहीं ले सकते
  • ३ से ६ साल के बिच में आप PPF के विरुद्ध लोन के लिए अप्लाई कर सकते है 
  • कम से कम ५ साल बाद आप ppf  अकाउंट को बंद कर सकते है ; वो भी तब जब आपको विदेश में पढ़ाई करनी हो या घर में कोई बहोत बीमार हो | 
  • आप ppf  को maturity के बाद भी ५-५ साल के लिए एक्सटेंड कर सकते है


पीपीएफ अकाउंट के फायदे

पीपीएफ अकाउंट के फायदे:
PPF Account आपको एक अच्छी ब्याज देता है, साथ ही टैक्स छूट लेने में भी मदद करता है। जरूरत पड़ने पर आप इससे लोन या कुछ हिस्सा भी निकाल सकते हैं। केंद्र सरकार की योजना होने से पैसा डूबने का भी खतरा नहीं रहता।

PPF क्या होता है


PPF अकाउंट के फायदे सारांश में इस प्रकार से समझ सकते है :
PPF account E-E-E बेनिफिट पे काम करता है; मतलब एक्सेम्पट , एक्सेम्पट और एक्सेम्पट। 
  • जो पैसा आप इन्वेस्ट करते हो उसपे भी कोई टैक्स नहीं लगता।  
  • जो आपको इंटरेस्ट मिलता है उसपे भी कोई टैक्स नहीं लगता और
  • जो आपका मतुरिटी अमाउंट है उसपे भी टैक्स नहीं लगता।


पीपीएफ अकाउंट के नुकसान

१५ साल की लॉन्ग टर्म स्कीम होने की वजह से आप का पैसा फसा रहता है| 
सुरुवात के ३ साल तक आप इसपर लोन भी नहीं ले सकते , या जरुरत पड़ने पर बंद भी नहीं कर सकते | 


कुछ सालो से ये देखा जा रहा है के ; साल दर साल ppf का व्याजदर कम होते जा रहा है। ऐसे में अगर अभी ७.१ % के व्याजदर से इन्वेस्ट करने पर कुछ सालो बाद हमें व्याजदर कम मिले।  




Disclaimer: The thoughts and investment tips given by dematnow.com are for educational purpose only. Dematnow.com advises our readers to check with certified experts or by self-analysis before taking any investment decisions.




5 पैसा क्या है?- 5 पैसा ऐप भारत में एक डिस्काउंट ब्रोकर मोबाइल ऐप है। जिस की मदद से शेयर बाजार में किसी भी कंपनी के इक्विटी, बॉन्ड, सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड, आईपीओ आदि खरीदे और बेचे जा सकते हैं। 5 पैसा ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के रूप में भारत में उपयोग किए जाने वाले सबसे अच्छे ऐप में से एक है। शेअर बाजार से जुड़े हुवे सभी कामो के लिए आप ५ पैसा का अप्प या वेबसाइट इन दोनों तरीको से उपयोग कर सकते है|

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5 Paisa Demat Account Review

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Step 1 

  • सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और रजिस्टर पर क्लिक करें। सुनिश्चित करें कि आपने यूआईडी आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर दर्ज किया है।
  • फिर, आप अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और सत्यापित करें। अब, अपना ईमेल आईडी दर्ज करें और इसे ओटीपी के माध्यम से सत्यापित करें जो आपको अपने ईमेल पर प्राप्त होगा।
  • उन्हें सत्यापित करने के बाद, अपना पैन कार्ड नंबर और डीओबी दर्ज करें जैसा कि आपके पैन कार्ड पर उल्लेख किया गया है।

Step 2


  • अगले चरण में आपको अपना आधार नंबर दर्ज करके और पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त होने वाले ओटीपी को दर्ज करके अपना आधार कार्ड सत्यापित करना होगा। 
  • आपके आधार कार्ड के सफल सत्यापन के बाद, आपको अपने पते और आधार विवरण के साथ डिजिलॉकर सेवाओं के लिए साइन अप किया जाएगा जो कि एक सरकारी अधिकृत सेवा है।


Step 3

  • ऑनलाइन सत्यापन के लिए अपना बैंक विवरण जैसे खाता संख्या, IFSC कोड और अपना नाम ठीक से दर्ज करें।

Step 4

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  • एक स्पष्ट सेल्फी लें और इसे अपलोड करें।

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Step 7

  • अंतिम चरण में, सरकार द्वारा अनुमोदित सुरक्षित एनएसडीएल वेबसाइट का उपयोग करके अपने आधार विवरण के साथ डिजिटल रूप से ई-साइन फॉर्म। ओटीपी सबमिट करें और सत्यापित करें कि आपकी प्रक्रिया अंत में पूरी हो जाएगी और आपका मुफ्त डीमैट खाता आपके व्यापार के लिए तैयार है!


टिप: इन में से किसी भी steps के दौरान; यदि आप किसी भी समस्या का सामना करते हैं तो आप हमेशा 5 पैसा के कस्टमर केयर से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक टोल फ्री नंबर 089766 89766 डायल करना होगा।


५ पैसा क्या है और इसमें demat account कैसे बनाते है ये जानने के बाद; अब हम ये जानते है के आपको ५ पैसा में account बनाने के लिए कौन कौनसे डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ेगी| 


Documents required for 5 Paisa Demat account Opening:

Documents required for individual person to open 5paisa demat account:
1. PAN Card
2. Address Proof (Aadhaar Card preferred)
3. Bank Proof ( बैंक खाते का विवरण )
4. Income Proof (only for derivatives & currency segment)
5. Signature (on blank white paper)

नोट: यदि बैंक verification विफल हो जाता है, तो बैंक प्रमाण जमा करना अनिवार्य है।


Documents required for Corporate to open 5Paisa demat account:

1. कॉर्पोरेट के नाम पर पैन कार्ड (PAN), पता और बैंक प्रमाण(BANK DETAILS)
2. पिछले 2 वित्तीय वर्षों की बैलेंस शीट कॉपी (हर साल जमा की जानी है)
3. कंपनी सचिव/पूर्णकालिक निदेशक/एमडी द्वारा प्रमाणित सेबी अधिग्रहण विनियमों के अनुसार कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से होल्डिंग नियंत्रण के साथ वर्तमान शेयरधारिता पैटर्न (shareholding pattern) की प्रति (हर साल प्रस्तुत की जानी है)
4. दिन-प्रतिदिन के संचालन के प्रभारी पूर्णकालिक निदेशकों / दो निदेशकों के Photograph, POI, POA, PAN, and DIN numbers।
5. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण रखने वाले व्यक्तिगत प्रमोटरों की पीओआई, पीओए और पैन।
6. ज्ञापन की प्रतियां और एसोसिएशन के लेख और निगमन का प्रमाण पत्र (Memorandum and Articles of Association )।
7. प्रतिभूति बाजार में निवेश के लिए कॉर्पोरेट के बोर्ड के संकल्प की प्रति।
8. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची नमूना हस्ताक्षर के साथ।
9. पहचान या लाभार्थी स्वामी के लिए प्रस्तुत घोषणा के अनुसार प्राकृतिक व्यक्ति की पीओआई और पीओए। (यदि ग्राहक या नियंत्रक स्वामी एक सूचीबद्ध कंपनी है या बहुसंख्यक स्वामित्व वाली सहायक कंपनी या सूचीबद्ध कंपनी है तो लागू नहीं)

Document required for Partnership Firm to open 5Paisa demat account:

1. पार्टनरशिप फर्म के नाम से पैन कार्ड(PAN), पता और बैंक प्रमाण
2. पिछले 2 वित्तीय वर्षों के लिए फर्म की बैलेंस शीट की कॉपी (हर साल जमा की जानी है)
3. साझेदारी फर्म के पंजीकरण का प्रमाण पत्र (केवल पंजीकृत भागीदारी फर्मों के लिए)
4. फर्म के पार्टनरशिप डीड की कॉपी।
5. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची नमूना हस्ताक्षर के साथ।
6. फर्म के भागीदारों का फोटोग्राफ, पीओआई, पीओए और पैन।
7. पहचान या लाभार्थी के लिए प्रस्तुत घोषणा के अनुसार प्राकृतिक व्यक्ति की पीओआई और पीओए।


Document required for Partnership trust to open 5Paisa demat account:

1. ट्रस्ट के नाम पर पैन, पता और बैंक प्रमाण।
2. पिछले 2 वित्तीय वर्षों की बैलेंस शीट की कॉपी (हर साल जमा करनी होगी)
3. पंजीकरण का प्रमाण पत्र (केवल पंजीकृत ट्रस्ट के लिए)
4. ट्रस्ट डीड की प्रति।
5. प्रबंध न्यासियों/सीए द्वारा प्रमाणित न्यासियों की सूची।
6. लाभार्थी स्वामी की पहचान के लिए प्रस्तुत घोषणा के अनुसार प्राकृतिक व्यक्ति की पीओआई और पीओए।
7. फोटोग्राफ, पीओआई, पीओए, ट्रस्टियों का पैन।
8. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची नमूना हस्ताक्षर के साथ

Document required for HUF to open 5Paisa demat account:

1. HUFका पैन कार्ड
2. HUF की घोषणा का विलेख/कॉर्पोरेटों की सूची
3. एचयूएफ के नाम से बैंक खाता पासबुक/बैंक स्टेटमेंट
4. फोटोग्राफ, पते का प्रमाण और कर्ता का पैन
5. जहां भी हस्ताक्षर किए जाते हैं वहां एचयूएफ स्टाम्प की आवश्यकता होती है|


Document required for LLP to open 5 Paisa demat account:

1. LLP का पैन कार्ड विवरण
2. LLP अधिनियम 2008 के तहत रजिस्ट्रार द्वारा एलएलपी को दिए गए पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रति
3. LLP के लेटर पैड पर पार्टनर की घोषणा उनके नाम के साथ।
4. घोषणा कि खाते को संयुक्त रूप से या अलग-अलग कैसे संभाला जाएगा, और प्रत्येक नामित भागीदार / डीआईएन (निदेशक पहचान संख्या उनके हस्ताक्षर और तस्वीरों के साथ) का विवरण देगा।
5. एलएलपी के नाम पर बैंक खाते का विवरण, बैंक खाते में एकमात्र/प्रथम धारक के रूप में।
6. LLP का पता प्रमाण
7. अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं का पैन कार्ड और पता प्रमाण।


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अगर ५पैसा को अन्य ब्रोकर्स के साथ compare किया जाए तो इसमें ब्रोकरेज चार्जेज. टैक्सेज और ट्रेडिंग फ्रीस बहोत कम है| यह चार्जेज ५ पैसा के demat account टाइप के उपर भी निर्भर करते है| जैसे अगर कोई रेगुलर यूजर है उसके लिए इक्विटी देलेवेरी चार्ज २०rs है वही ultra trader account के लिए zero है| 
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